Hindi shayari वक्त
वक्त के साथ साथ हर चीज बदल जाती है ,
आदमी तो बदल ही जाता है वक्त के साथ
यहाँ तो पत्थर की भी तकदीर बदल जाती है ,
बंद आँखों से जो ख्वाब देखे जाते है अक्सर
आँख खुलते ही उनकी ताबीर बदल जाती है,
माना के ज़हर से मिलती है जिंदगी को मौत
तराशने से उसकी भी तासीर बदल जाती है ,
वक़्त हर वक़्त एक सा नहीं रहता है दोस्तों
ये बदलता है तो सबकी तकदीर बदल जाती है.
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