Hindi shayari तम्मना थी मेरी

Hindi shayari

दूर से हम देखा करते थे , 
जमीं से आसमाँ को मिलते हुए, 
फूल गगन में लहराते हुए , 
जमीं पे तारों को खिलते हुए। 
    
     दिल में तम्मना थी कि ये मंज़र ,
    ज़रा करीब से जाकर हम देखे ,
    उस पाक जगह को छु कर देखे ,
    उस एक पल को जीकर देखे। 

इसी चाहत में इसी तम्मना में , 
निकल पड़े थे हम घर से ,
दूर तक हमने बहुत खोजा ,
जगह मिली न वो एक पल के लिए ,

    जहाँ हम रोज़ देखा करते थे ,
    जमीं से आसमाँ  को मिलते हुए, 
    फूल गगन में लहराते हुए , 
    जमीं पे तारों को खिलते हुए।

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